कैंसर का पक्का ईलाज कीमत कुछ भी नही मिले जीवनदान
कैंसर का पक्का ईलाज कीमत कुछ भी नही मिले जीवनदान
सर्दियों के मौसम में हल्दी की गांठ का उपयोग सबसे अधिक लाभदायक है और यह समय हल्दी से होने वाले फायदों को कई गुना बढ़ा देता है क्योंकि कच्ची हल्दी में हल्दी पाउडर की तुलना में ज्यादा गुण होते हैं।
हल्दी के खास गुणों से अमूमन हर कोई परिचित होता है। भारतीय खाने की हल्दी के बिना कल्पना करना भी मुश्किल है। हल्दी का उपयोग पाचन तंत्र को सुधारने में, सूजन कम करने में और शरीर के शोधन में हजारों सालों से उपयोग किया जा रहा है। इसमें पाया जाने वाले तत्व करक्यूमिनोइड्स और वोलाटाइल तेल कैंसर रोग से लड़ने के लिए भी जाने जाते हैं।
कच्ची हल्दी, अदरक की तरह दिखाई देती है। इसे ज्यूस में डालकर, दूध में उबालकर, चावल के व्यंजनों में डालकर, अचार के तौर पर, चटनी बनाकर और सूप में मिलाकर उपयोग किया जा सकता है।
अनचाहे बाल हटाएं-
अगर आप अनचाहे बालों से परेशान है तो हल्दी का प्रयोग करें। अनचाहे बालों को हटाने के लिए हल्दी पाउडर को गुनगुने नारियल तेल में मिलाकर पेस्ट बना लें। अब इस पेस्ट को अनचाहे बालों पर लगाएं। इस उपाय से शरीर के अनचाहे बाल धीरे-धीरे हट जाते हैं और त्वचा कोमल हो जाती हैं।
ट्यूमर एवं प्रोस्टेट कैंसर से बचाव-
खासतौर पर पुरुषों में होने वाले प्रोस्टेट कैंसर के कैंसर सेल्स को बढ़ने से रोकने के साथ साथ उन्हें खत्म भी कर देती है। कच्ची हल्दी में कैंसर से लड़ने के गुण होते हैं। हानिकारक रेडिएशन के संपर्क में आने से होने वाले ट्यूमर से भी बचाव करती है।
दाग-धब्बों से छुटकारा-
दाग-धब्बे और झाइयां हटाने में हल्दी का कोई सानी नहीं। हल्दी और काले तिल को बराबर मात्रा में पीसकर पेस्ट बनाकर लगाने से त्वचा साफ और निखरी हो जाती है। हल्दी और दूध से बना पेस्ट भी त्वचा का रंग निखरने और चेहरे को खिला-खिला रखने के लिए बहुत असरदार होता हैं।
गठिया रोग एवं दर्द में उपयोगी-
हल्दी में सूजन को रोकने का खास गुण होता है। हल्दी का उपयोग गठिया रोगियों को अत्यधिक लाभ पहुंचाता है। हल्दी शरीर के प्राकृतिक सेल्स को खत्म करने वाले फ्री रेडिकल्स को खत्म करती है तथा गठिया रोग में होने वाले जोडों के दर्द में लाभ पहुंचाती है।
दूर करें सनबर्न लाये त्वचा में निखार-
हल्दी सनस्क्रीन लोशन की तरह काम करता है। अगर धूप के कारण आपकी त्वचा में टैनिंग हो गई है तो टैन से निजात पाने के लिए बादाम पेस्ट, हल्दी व दही मिला उसे त्वचा पर लगाकर छोड़ दें और फिर पानी से धो लें। इससे टैनिंग खत्म हो जाएगी। साथ ही त्वचा में निखार भी आएगा।
मधुमेह रोगियों के लिए लाभदायक-
कच्ची हल्दी में इंसुलिन के स्तर को संतुलित करने का गुण होता है। अतः हल्दी मधुमेह रोगियों के लिए बहुत लाभदायक होती है। इंसुलिन के अलावा यह ग्लूकोज को नियंत्रित करती है जिससे मधुमेह के दौरान दी जाने वाली उपचार का असर बढ़ जाता है। परंतु अगर आप जो दवाइयां ले रहे हैं बहुत बढ़े हुए स्तर (हाई डोज) की हैं तो हल्दी के उपयोग से पहले चिकित्सकीय सलाह अत्यंत आवश्यक है।
संक्रमण से बचाएं प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाये-
हल्दी में पाया जाने वाले करक्यूमिन नामक तत्व के कारण कैथेलिसाइडिन एंटी माइक्रोबियल पेप्टाइड (सीएएमपी) नामक प्रोटीन की मात्रा बढ़ती है। सीएएमपी प्रोटीन शरीर की प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाता है। यह प्रोटीन बैक्टीरिया और वायरस से लड़ने में शरीर की मदद करता है।
यह बुखार होने से रोकती है-
शोध से साबित हो चका है कि हल्दी में लिपोपॉलीसेच्चाराइड नाम का तत्व होता है इससे शरीर में इम्यून सिस्टम मजबूत होता है। हल्दी इस तरह से शरीर में बैक्टेरिया की समस्या से बचाव करती है। यह बुखार होने से रोकती है। इसमें शरीर को फंगल इंफेक्शन से बचाने के गुण होते है।
दंत रोगों में गुणकारी हल्दी-
दांतों की स्वस्थ और मसूड़ों को मजबूत बनाने के लिए हल्दी का प्रयोग करें। इसके लिए थोड़ी सी हल्दी, नमक और सरसों का तेल लेकर मिला लें। अब इस मिश्रण से दांतों और मसूड़ों में अच्छे से मसाज करें। इस उपाय से सूजन दूर होती है और दांत के कीड़े खत्म हो जाते हैं।
ह्रदय रोगों से सुरक्षा-
हल्दी के लगातार इस्तेमाल से कोलेस्ट्रोल सेरम का स्तर शरीर में कम बना रहता है। कोलेस्ट्रोल सेरम को नियंत्रित रखकर हल्दी शरीर को ह्रदय रोगों से सुरक्षित रखती है।
अंदरूनी चोट में लाभदायक-
चोट लगने पर हल्दी बहुत फायदा करती है। मांसपेशियों में खिंचाव होने पर या अंदरूनी चोट लगने पर हल्दी मिला गर्म दूध पीने से दर्द और सूजन में तुरन्त राहत मिलती है। चोट पर हल्दी और पानी का लेप लगाने से भी आराम मिलता है।
त्वचा संबंधि रोगों से बचाव-
कच्ची हल्दी में एंटीबैक्टीरियल और एंटी सेप्टिक गुण होते हैं। इसमें इंफेक्शन से लडने के गुण भी पाए जाते हैं। इसमें सोरायसिस जैसे त्वचा संबंधि रोगों से बचाव के गुण होते हैं।
खांसी में राहत-
खांसी में हल्दी की गांठ का इस्तेमाल करें। अगर एकदम से खांसी आने लगे तो हल्दी की एक छोटी सी गांठ मुंह में रख कर चूसें, इससे खांसी नहीं आएगी। खांसी के साथ कफ की समस्या होने पर एक गिलास गर्म दूध में एक-चौथाई चम्मच हल्दी मिलाकर पीना फायदेमंद है। तथा सबसे फायदेमंद शुद्ध हल्दी पाउडर को तवे पर धीमी आंच मे पकने तक भूने महक आने पर उतार कर ठंडा करें और एक लीक प्रूफ डिब्बे मेन बंद करके रख लें आधा - आधा चम्मच सुबह शाम लेने से पुरानी से पुरानी खांसी ठीक हो जाती है |
त्वचा को चमकदार और स्वस्थ रखे हल्दी-
हल्दी का उपयोग त्वचा को चमकदार और स्वस्थ रखने में बहुत कारगर है। इसके एंटीसेप्टीक गुण के कारण भारतीय संस्कृति में विवाह के पूर्व पूरे शरीर पर हल्दी का उबटन लगाया जाता है।
लाभकारी पेय-
कच्ची हल्दी से बनी चाय अत्यधिक लाभकारी पेय है। इससे इम्यून सिस्टम मजबूत होता है। या यूं कहें जिस प्रकार से अदरक का प्रयोग चाय मे किया जाता है ठीक उसी प्रकार हल्दी का उपयोग भी किया जा सकता है |
विस्मयकारी गुणों से भरपूर हल्दी कुछ नकारात्मक प्रभाव भी हैं कुछ लोगों पर इसके प्रयोग से विपरीत प्रभाव पड़ सकते हैं-
जिन लोगों को हल्दी से एलर्जी है उन्हें पेट में दर्द या डायरिया जैसे लक्षण सामने आ सकते हैं।
गर्भवती महिलाओं को कच्ची हल्दी के उपयोग से पहले चिकित्सकीय सलाह ले लेनी
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