सिर्फ 3 मिनट और माइग्रेन को कहें बाय - बाय
सिर्फ 3 मिनट और माइग्रेन को कहें बाय बाय लेकिन कैसे ? धैर्य रखिए और पढ़िये यह छोटा सा लेख
आप इस समय हैं divyadarshanyogindia.blogspot.com पर जी हाँ "दिव्यदर्शन योग" सही पढ़ा आपने दिव्यदर्शन योग आपके शरीर की सैकड़ों बीमारियों से मुक्ति पाने का एक अद्भुत विकल्प है |
लेकिन अब हम आपको यहाँ बताने वाला हूँ वह अद्भुत विकल्प जो आपको सिर्फ और सिर्फ 3 मिनट मे माइग्रेन को बाय बाय कहने वाला है | माइग्रेन क्या आप जानते हैं यह आज एक सामान्य बीमारी है और इसके लक्षण क्या होते हैं |
माइग्रेन के लक्षण :-
आम तौर पर इसका शिकार होने पर सिर के आधे हिस्से में दर्द रहता है। जबकि आधा दर्द से मुक्त होता है। जिस हिस्से में दर्द होता है:- तथा कभी कभी पूरा सिर भी दर्द करने लगता है , उसकी भयावह चुभन भरी पीड़ा से आदमी ऐसा त्रस्त होता है कि सिर क्या बाकी शरीर का होना भी भूल जाता है।
माइग्रेन मूल रूप से तो न्यूरोलॉजिकल समस्या है। इसमें रह-रह कर सिर में एक तरफ तथा कभी कभी पूरा सिर भी दर्द करने लगता है चुभन भरा दर्द होता है। ये कुछ घंटों से लेकर कई दिनों तक या कई महीनों तक बना रहता है। इसमें सिरदर्द के साथ-साथ गैस्टिक, जी मिचलाने, उल्टी जैसी समस्याएं भी हो सकती हैं।
इसके अलावा फोटोफोबिया यानी रोशनी से परेशानी और फोनोफोबिया यानी शोर से मुश्किल भी आम बात है। माइग्रेन से परेशान एक तिहाई लोगों को इसकी जद में आने का एहसास पहले से ही हो जाता है। पर्याप्त नींद न लेना, भूखे पेट रहना और पर्याप्त मात्रा में पानी न पीना जैसे कुछ छोटे-छोटे कारणों से भी आपको माइग्रेन की शिकायत हो सकती है।
माइग्रेन के कारण :-
माइग्रेन के कारण कई हो सकते हैं। एक तरफ तो कुछ स्थितियां हैं और दूसरी तरफ कुछ रोग भी होते हैं।
ज्यादातर लोगों को भावनात्मक वजहों से माइग्रेन की दिक्कत होती है। इसीलिए जिन लोगों को हाई या लो ब्लड प्रेशर, ब्लड शुगर और तनाव जैसी समस्याएं होती हैं उनके माइग्रेन से ग्रस्त होने की आशंका बढ़ जाती है। कई बार तो केवल इन्हीं कारणों से माइग्रेन हो जाता है। इसके अलावा किसी तरह का संक्रमण और शरीर में विषैले तत्वों का जमाव भी इसकी वजह हो सकता है।
कैसे बचें माइग्रेन से... :-
अब आपको बताते हैं कि आखिर आप कैसे बचें माइग्रेन से। वैसे तो ये बीमारी किसी को भी हो सकती है लेकिन कुछ लोगों में इसका खतरा ज्यादा होता है। फिर भी थोड़ी सी सावधानी रखकर आप इस बीमारी को खुद से दूर रख सकते हैं।
ऐसा नहीं कि माइग्रेन लाईलाज बीमारी है। अगर आप माइग्रेन से परेशान हैं और आपको कुछ सूझ नहीं रहा है तो ध्यान रखें। थोड़ी सी सावधानी आपको माइग्रेन से मुक्ति दिला सकती है। इसके लिए सबसे जरूरी है खुद के लाइफ स्टाइल को बदलना। खानपान में बदलाव लाना।
माइग्रेन में क्या न खाएं :-
अगर आपको माइग्रेन है तो आप डिब्बाबंद पदार्थों और जंक फूड का सेवन एकदम न करें। इससे आपका माइग्रेन और खतरनाक होता जाएगा। चूंकि जंक फूड में मैदे की मात्रा ज्यादा होती है इसलिए इसे कम से कम या बिलकुल भी न खाएं। चूंकि इनमें ऐसे रासायनिक तत्व पाए जाते हैं जो माइग्रेन को बढ़ा सकते हैं। ऐसे में सवाल ये है कि माइग्रेन में क्या खाएं।
माइग्रेन में क्या खाएं :-
अगर आपको माइग्रेन है तो नाश्ते में ताजा और सूखे फलों का सेवन अपनी पाचन क्रिया के हिसाब से करें। लंच में उन चीजों का इस्तेमाल करें जिनमें प्रोटीन भरपूर हो। मसलन दूध, दही, पनीर, दालें आदि इनमें मूंग की दाल सबसे बेहतर है । डिनर में चोकरयुक्त या मोटे पिसे आंटे की रोटी, चावल या आलू जैसी स्टार्च वाली चीजों के साथ सलाद भी लें याद रखे चावल और सलाद का प्रोगग शाम के भोजन मे न करें तो अच्छा रहेगा। ज्यादा मिर्च-मसाले वाली चीजों से परहेज करें हो सके तो लाल मिर्च बिलकुल भी न खाएं और भोजन आपको आपकी क्षमता के अनुसार आधा ही करना चाहिए तथा शाम का भोजन सूर्यास्त से पूर्व ।
माइग्रेन से छुटकारा
सिर्फ 3 मिनट और माइग्रेन को कहें बाय बाय लेकिन कैसे ?
माइग्रेन की अचूक दवा है योग और ध्यान। एक छोटी सी प्रक्रिया ध्यान से पढ़कर समझ लीजिये
प्रतिदिन सुबह अपने दैनिक कर्मों (शौच आदि) से निबृत्त होकर सुखासन, पद्मासन या बज्रासन मे आनंद पूर्वक बैठ जायें तथा लंबी गहरी सांस भरें और अपने शरीर को एकदम सीधा करें और ठीक उसी दबाव के साथ पूरी सांस छोड़ते हुए अपने शरीर को भी ढीला छोड़ दें, यह प्रक्रिया लगातार एक मिनट या लगभग 45 बार करें लगातार बिना रुके इसी प्रक्रिया मे और गति अधिक भार के साथ देना है अब इस एक मिनट मे सांस लेने और छोड़ने के क्रम को लगभग 70 बार दुहराना है |
याद है आपको आपने अभी तक मात्र 2 मिनट की प्रक्रिया पूरी की है :-
अब बचा आपका अगला एक मिनट आपको अगले आधे मिनट उपरोक्त प्रक्रिया को ही और अधिक गति के साथ करना है या आपको सांस लेने और छोड़ने की इस प्रक्रिया को इस आधा मिनट मे लगभग 60 से 65 बार दुहराना है और बचा शेष आधा मिनट इसमें आपको अपनी साँसों को धीरे - धीरे करके सामान्य स्थिति मे लाना है तथा दोनो हाथों की हथेलियों को आपस में रगड़ते हुए आँखों पर रखें और आँखें खोल लें |
अब इन तीन मिनट के बाद आप अपने दैनिक कार्यों के लिए तैयार है |
इस वीडियो के अनुसार ही सांस लेने और छोड़ने का क्रम निश्चित करें
सावधानियाँ :-
इस प्रक्रिया को शुरू करने के पहले मल - मूत्र त्याग कर सभी वेगों को शांत जरूर कर लेना चाहिए तथा प्रक्रिया के दौरान शरीर एकदम ढीला रखना जरूरी है, आँखें बंद रखना चाहिए, अपना पूरा ध्यान अपनी साँसों पर केन्द्रित रखना चाहिए, सांस लेने और छोड़ने के दौरान शरीर में थोड़ा सा मूवमेंट (गति) रखना आवश्यक है , शरीर और साँसों की गति आप अपनी क्षमता के अनुसार रख सकते है उपरोक्त साँसों की संख्या कम या अधिक भी हो सकती है |
लाभ :-
इससे आपका तनाव कम होगा। और तनाव कम होने से आपका डिप्रेशन दूर होगा। लेकिन ध्यान रहे आप जिस जगह पर योग कर रहे हैं वो प्रकाश से चकाचौंध वाली, तेज धूप, तेज गंध वाली नहीं होना चाहिए। साथ ही साथ माइग्रेन वाले रोगियों को अच्छी नींद लेना चाहिए।
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