गैस, एसिडिटी एवं मंद पाचन क्रिया में रामबाण लाभ के लिए...



गैस, एसिडिटी एवं मंद पाचन क्रिया में रामबाण लाभ के लिए 


  • पाचन क्रिया का दिमाग से है सीधा सम्बन्ध |
  • गलत दिनचर्या पालन से भी पाचन क्रिया मंद पड़ जाती है |
  • फास्ट फूड एवं अधिक तला-भुना भोजन पाचन क्रिया का दुश्मन है |
  • मैदा, रिफाइंड तेल, सफ़ेद चीनी एवं सफ़ेद समुद्री नमक यह चारों ही शरीर के लिए धीमे जहर का कार्य करते हैं इन्हे खाना गैस, एसिडिटी एवं मंद पाचन क्रिया तीनों को बुलावा देना है |
  • चाय के प्रयोग से भी पाचन क्रिया में कई गड़बड़ियाँ उत्पन्न होती हैं |
  • भोजन या नाश्ते के तुरंत बाद स्नान मन्द पाचन क्रिया का बड़ा कारण |
  • रात देर से सोना और सुबह देर से उठना भी पाचन क्रिया में गड़बड़ी का कारण बनता है |

पाचन क्रिया का दिमाग से है सीधा सम्बन्ध 

क्या आप जानते हैं तनाव लेने से पाचन बिगड़ता है, आंतों का संचालन काफी हद तक मानसिक स्थिति पर निर्भर करता है नकारात्मक भावनात्मक प्रवाह, अवसाद और तनाव के कारण आंतों की प्रक्रिया तेज होने से डायरियाधीमा होने से कब्ज की समस्या हो सकती है अगर आप अधिक तनाव लेते हैं तो इसके कारण खाना पचने में समस्या हो सकती है और सूजन, कब्ज, डायरिया, सीने में जलन,  गैस आदि पाचन संबंधी समस्याएं इसके कारण हो सकती है |

पेट और दिमाग का सीधा संबंध है इंटेस्टाइन म्यूकस और दिमाग का तंत्रिका तंत्र एक दूसरे से न्यूरान सेल्स के माध्यम से जुड़ा होता है | तनाव के बाद मस्तिष्क में हार्मोन का स्राव अधिक होता है इसका बेहतर ईलाज योग एवं प्राणायाम ही है | ऐसे मरीजों को दवाइयों से आराम नहीं मिलता इससे आंतें सही तरीके से खाने को पचा नही पाती लिहाजा व्यक्ति धीमी  पाचन क्रिया का शिकार हो जाता है |

गलत दिनचर्या पालन से भी पाचन क्रिया मंद पड़ जाती है 

सही समय पर रोजाना भोजन करे - सही समय पर भोजन करना अच्छी सेहत की निशानी होती है। ब्रेकफास्ट से लेकर डिनर तक आपका खाना खाने का समय निश्चित होना चाहिए।

भोजन चबाकर खाएं- भोजन चबाकर खाने से हमारे शरीर को भोजन पचाने में ज्यादा मेहनत नहीं करनी पड़ती है लेकिन अगर हम भोजन सही तरह से ना चबाएं तो ऐसे में आपके पाचन तंत्र का काम बढ़ जाता है और लगातार इसी तरह करते रहने से धीरे - धीरे पाचन क्रिया मन्द पड़ जाती है तो ध्यान रखें अपना ब्रेकफ़ास्ट, लंच और डिनर सभी का समय निश्चित रखें आता भोजन खूब चबाचबा कर ही करें | 

फास्ट फूड एवं अधिक तला-भुना भोजन पाचन क्रिया का दुश्मन है 

एक शोध मे पता चला है की स्कूलों मे पढ़ने वाले 60 फीसदी बच्चे फास्ट फूड पर ही निर्भर रहते हैं | आयुर्वेद में फास्ट फूड खाने को जहर बताया गया है | फास्ट फूड में कैलोरी और शुगर की मात्रा अधिक रहती है जिसके कारण शरीर का वजन बढ़ जाता है |

तथा हमारी पाचन क्रिया प्रभावित होने लगती  है। जंक फूड, तला-भूना भोजन, कोल्ड ड्रिंक, चाय-कॉफी का अत्याधिक सेवन, देर रात को भोजन कर तुरंत सो जाना, रात में अधिक जागना, देर तक बैठ कर कार्य करना, शारीरिक व्यायाम न करना और पौष्टिक भोजन करने से परहेज करना शारीरिक पाचन क्रिया खराब होने के प्रमुख कारण हैं। चिकित्सा विज्ञान के अनुसार, शरीर के तरल पदार्थ में एसिड होना बीमारी के लक्षण हैं। दूसरी ओर शरीर में एल्कलाइन होना एक स्वस्थ स्थिति दिखाता है। हमारी दिनचर्या कुछ ऐसी हो गई है की रोज के खाने से और स्ट्रेस होने से भी शरीर में एसिड की मात्रा बढ़ जाती है। इस स्थिति को हमारा शरीर पहचान लेता है और एल्कलाइन करने या एसिड को नियंत्रण करने की कोशिश करता है परंतु लंबे अंतराल के बाद एसिड का प्रभाव बढ़ जाता है और व्याधियाँ अपना स्थान बना लेती हैं | हमारे शरीर में एल्कलाइन और एसिड 80 तथा 20 के अनुपात में होना चाहिये |

चाय के प्रयोग से भी पाचन क्रिया में कई गड़बड़ियाँ उत्पन्न होती हैं 

शायद ही ऐसा कोई इंसान होगा जिसे चाय पीना पसंद नहीं होगा। सदा सदा चाय की चुस्की के बिना अधूरा सा लगता है, और कुछ लोगों को तो चाय की इतनी लत होती है कि चाय ना मिलने पर सर दर्द भी होने लगता है।

वैसे तो चाहे हर इंसान की रोजमर्रा की आदत बन चुकी है लेकिन चाय पीने से कुछ नुकसान भी हैं। जैसे कि ज्यादा चाय पीने से गैस, एसिडिटी की समस्या हो सकती है। चाय पत्ती में कैफीन पाया जाता है जो शरीर के लिए हानिकारक होता है। ज्यादा चाय पीने की आदत हमारे दातों को भी खराब कर सकती है ज्यादा चाय पीने से दातों के ऊपर एक पीढ़ी पर चढ़ जाती है। चाय का असर ब्लड प्रेशर और कोलेस्ट्रॉल पर भी पड़ता है।

चाय अधिक मात्रा में पीने से एसिडिटी की समस्या बढ़ाती है, जिससे हमारा पाचन तंत्र खराब हो जाता है। इसके अलावा ज्यादा चाय पीने से शरीर में मोटापा की वृद्धि होती है, क्योंकि इसमें बहुत मात्रा में शुगर होती है, जो हमारे शरीर के लिए सही नहीं है। इससे वजन बढ़ने के साथ-साथ शरीर भी काले होते हैं। खाली पेट चाय पीने से थकान महसूस होती है, जिससे इंसान कभी कभी थोड़ा अपने व्यवहार से चिड़चिड़ापन महसूस करने लगता है। जो लोग चाय को ठंडा होने के बाद कई बार गर्म करके पीते हैं, उन्हें पेट से संबंधित अल्सर की बीमारी भी हो जाती है। क्योंकि बार-बार चाय गरम करना नुकसानदेह है। जो इंसान दिन में कम से कम 5 से 8 कप चाय पीते हैं, उन्हें कैंसर होने का खतरा रहता है यह चीज वैज्ञानिकों ने भी सिद्ध किया है।

योग , प्राणायाम एवं डिटोक्सिफिकेशन प्रोग्राम से होगा कायाकल्प 

उपरोक्त सभी बातों से आपको समझ आ गया होगा कि पाचन क्रिया खराब होने के प्रमुख कारण क्या - क्या हैं इन सभी तथ्यों पर गंभीरता से विचार करते हुए आपको ध्यान देना है अपनी दिनचर्या पर , जीवन शैली पर , आहार पर और प्रतिदिन अपने जीवन कि शुरुआत योग एवं प्रणायाम पर , इसके लिए आपको हमारे संस्थान से संपर्क कर अपने जीवन को बदलने के लिए अर्थात काया कल्प के लिए यहाँ से संचालित होने वाला योग , प्राणायाम एवं डिटोक्सिफिकेशन प्रोग्राम को ज्वाइन कर अपनी पाचन संबंधी सभी व्याधियों से मुक्ति पा सकते हैं | 

किसी भी जानकारी के लिए हमसे संपर्क करें -
दिव्यदर्शन योग सेवा संस्थान (रजि.)
बादलपुर, ग्रेटर नोयडा (उ.प्र.) भारत-203207
संपर्क- 09717617357, 09015151607

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