धनुर आसन करने का तरीका उसके लाभ एवं सावधानियाँ





Dhanur Aasana method of its benefits and precautions

धनुरासन

धनुरासन का अर्थ होता है धनुष के समान। धनुर और आसन शब्दों के मिलने से धनुरासन बनता है। यहां धनुर का अर्थ है धनुष। इस आसन में साधक की आकृति धनुष के समान बनती है इसलिए इसे धनु रासन कहा जाता है। लेट के किये जाने वाले आसनों में यह आसन काफी महत्वपूर्ण आसन होता है। पेट की चर्बी कम करने वाले आसनों में भी इसकी गिनती होती है। मोटापे और स्त्रियों के प्रजनन तंत्र को कार्यशील बनाने में धनुरासन काफी लाभदायक सिद्ध होता है।


धनुरासन करने की विधि

सबसे पहले एक समतल जगह पर चटाई बिछा लें और पेट के बल जमीन पर लेट जाएँ।

अब घुटनों से पैरों को मोड़ते हुए दोनों हाथों से पैर के पंजे को पकड़ना है ध्यान रहे हाथ का अंगूठा पैर के तलवे की ओर और चारो उँगलियाँ पंजे पर ऊपर की ओर होना चाहिए |  
एड़ियों को पकड़ते हुए श्वास को अन्दर लें और अंदर ही रोंके रहें ।

अब श्वास लेते हुए अपने सिर और सीने को ऊपर उठाएँ तथा हांथों से पंजो को ऊपर की ओर उठाते हुए सिर की ओर पूरी शक्ति के साथ खीचना चाहिए इससे आपके शरीर से धनुराकार आकृति बन जाएगी  ।

शरीर के सम्पूर्ण भार आपके पेट पर आ जाएगा |

इस स्थिती में आप थोड़ा आगे और पीछे झुलते हुए हल्का व्यायाम भी कर सकते हैं।

इस स्थिती में 15 से 30 सेकेण्ड तक रुकना चाहिए ।

ध्यान अपने मूलाधार या विशुद्धि चक्र पर रखें।



धनुरासन के लाभ या फायदे

  • यह आसन पुराने कब्ज को दूर कर मन प्रसन्न करता है।
  • पाचन-तंत्र मजबूत कर जठराग्नि ठीक करता है।
  • पेट की चर्बी कम करने में कारगर है।
  • मोटापे का दुश्मन है।
  • मेरूदण्ड लचीला बनाकर शरीर में स्फूर्ति पैदा करता है।
  • स्त्रियों के मासिक धर्म और प्रजनन तंत्र को मजबूत बनाकर स्वस्थ करता है।
  • योग्य योग गुरू के सानिध्य में समानांतर आसन करने से क्षय रोग में लाभ मिलता है।
  • कमर दर्द में यह रामबाण योगासन है।
  • नाभि अपनी जगह से हट गई होतो धनुरासन करना लाभदायक होता है।
  • थाईराइड की समस्या भी धनु-रासन करने से घटती है।
  • इस आसन को करने से छाती चैंड़ी होती है।
  • भूजाओं और जंघाओं की मांसपेशियां मजबुत बनती है।
  • रीढ की हड्डी मजबूत बनती है।


धनुरासन करते समय बरतें ये सावधानियां

अगर रीढ़ की हड्डी में चोट लगी हुई हो तो इस आसन को बिल्कूल ना करें।

गर्भावस्था और मासिक चक्र के समय महिलाऐं धनुरासन को नही करना चाहिए।

धनुरास हमेंशा पेट खाली होतो ही करना चाहिए।

आपके अपने क्षेत्र में योग कैंप के लिए या किसी समस्या से संबन्धित सलाह के लिए हमसे संपर्क करें - 

दिव्यदर्शन योग सेवा संस्थान (रजि.)
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